ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं।
यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है
और रोते हुए कहा कि अंधेरा है।
कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है,
ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, अगर कोई पाप है,
तो वो यही है, ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।
जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो,
ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये,
नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है,
तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
उठो, जागो और तब तक मत रुको
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
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